उद्देश्य/संदेश
अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार परिषद एक सामाजिक ट्रस्ट है। जिसका पंजीकरण संख्या - डी एल आई 366 है। यह संस्था न्यास अधिनियम के तहत पंजीकृत है। यह गैर सरकारी एवम गैर राजनीतिक स्वयंसेवी संस्था है। हमारा कार्य समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार , कुरीतियों , बुराइयों से लड़कर एक स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज की संरचना करना है। जिससे समाज में समरसता पैदा हो।
भारतीय संविधान के तहत जनता को मिले अधिकारों के प्रति उन्हे जागरूक करके उनके अधिकारों को संरक्षित करना है। सामाजिक भेदभाव मिटाना, पीड़ितों की मदद करना,गरीबों एवं असहायों की मदद करना , सरकारों द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं से पात्र व्यक्तियों को लाभावंती कराना, पर्यावरण की हिफाजत के लिए जागरूकता पैदा करना, महिला उत्पीडन, बाल उत्पीड़न के साथ ही मजदूरों के शोषण के प्रति संघर्ष करना प्रमुख है।
संस्था का मानना है कि स्वस्थ विचार के लिए प्रत्येक व्यक्ति का स्वस्थ होना आवश्यक है। इसलिए मानव जीवन के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं , स्वच्छ पेय जल जरूरी है। कुपोषण से लड़ना भी संस्था का मूल मंत्र है। समाज के लिए संप्रदियक्ता, जातिवादिता , भाषा एवं क्षेत्रवाद एक नासूर बन चुका है। इस वादिता का समूल नष्ट कर विशुद्ध रूप से राष्ट्रवाद स्थापित करना है। आजादी के करीब 78 बरस गुजरने के बाद हमारे देश की शिक्षा , स्वास्थ्य एवं पेयजल की सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही है। इस बदहाली को खुश हाली में बदलने का लक्ष्य संस्था द्वारा तय किया गया है।
भारतीय संविधान में भी देश को एक सूत्र में बांधने समान रूप से समान अधिकार प्रदान किया गया है। बगैर किसी भेदभाव के सभी को हमारा संविधान समान हक देता है। सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक तीन प्रकार का न्याय , अभिव्यक्ति , विश्वास , धर्म , उपासना सहित पांच प्रकार की आजादी तथा दो प्रकार की समानता प्रतिष्ठा एवं अवसर प्रदान करता है। हमारी संस्था भारतीय संविधान की मूल अवधारणा के अनुरूप काम कर रही है।
संस्था के मूल में आपसी सौहार्द का सृजन करना देश की एकता एवं अखंडता को बनाए रखने , लैंगिक विभेदी करण को खत्म करने के दृढ़ संकल्प पर केंद्रित है।